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IVF Process Step By Step In Hindi आईवीएफ प्रक्रिया चरण दर चरण हिंदी में

IVF Process Step By Step In Hindi - Neelkanth IVF

IVF In Hindi

IVF या In Vitro Fertilization एक चिकित्सीय प्रक्रिया है जो तब उपयोगी होती है जब किसी दंपति को गर्भधारण करने में कठिनाइयाँ आती हैं। इस प्रक्रिया में महिला का अंडाणु और पुरुष का शुक्राणु एक लैब में मिलाया जाता है ताकि भ्रूण का निर्माण हो सके, उसके बाद भ्रूण को बच्चेदानी में ट्रांसफर किया जाता है | इसे टेस्ट ट्यूब बेबी भी कहते हैं।

IVF का महत्व Importance of IVF in Hindi

IVF विधि द्वारा लाखों दांपत्य जोड़े बच्चों का सुख पाने में सफल हो जाते हैं क्योंकि पहले उन्हें निरंतर कोशिश करने पर भी गर्भवती होने में समय लगता है | माता पिता बनने की चाह रखने वाले दंपत्तियों के लिए IVF तकनीक जटिल है लेकिन उम्मीद बन सकती है |

प्रारंभिक परामर्श

IVF प्रक्रिया की शुरुआत किसी भी स्पेशलिस्ट डॉक्टर से कंसल्टेशन करने से होती हैं। इस स्टेप में डॉ, दम्पति के पुराने इलाज के बारे में, शारीरिक और मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य के बारे में आकलन करते हैं। इसके पश्चात्, IVF के संभावित लाभ और प्रक्रिया के क्रम विस्तार से समझाए जाते हैं।

अंडाणु और शुक्राणु का संग्रहण

अगला चरण अंडाणुओं और शुक्राणुओं का संग्रहण है। इसके लिए महिला को अंडाणु बनाने के लिए दवाएं दी जाती हैं ताकि अधिक अंडाणु प्राप्त किए जा सकें। शुक्राणु पुरुष से प्राकृतिक रूप से या विशेष तकनीकों के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है।

भ्रूण का चयन और विकास

अंडाणु को शुक्राणु के साथ प्रयोगशाला में मिलाया जाता है और भ्रूण का विकास प्रारंभ किया जाता है। इसके साथ ही, भ्रूण की गुणवत्ता की जांच की जाती है। आमतौर पर 3-5 दिनों के भीतर स्वस्थ भ्रूण का चयन किया जाता है। इसके बाद, भ्रूण को गर्भाशय में प्रत्यारोपण के लिए तैयार किया जाता है।

भ्रूण का गर्भाशय में प्रत्यारोपण

आखिरी चरण में, स्वस्थ भ्रूण महिला के गर्भाशय में प्रत्यारोपित किया जाता है। यह प्रक्रिया बहुत नाजुक और सावधानीपूर्वक होती है। डॉक्टर एक पतली और मुलायम कैथेटर का उपयोग करते हैं ताकि भ्रूण को आसानी से गर्भाशय में रखा जा सके।

IVF के लिए आवश्यक तैयारियाँ

शारीरिक परीक्षा

IVF प्रक्रिया करने से पहले सभी महिलाओं और पुरुषों का चिकित्सकीय परीक्षण किया जाता है। महिलाओं में सामान्य स्वास्थ्य, अंडाशय तथा गर्भाशय की शारीरिक संरचना, जबकि पुरुषों में शुक्राणु गुणवत्ता का परीक्षण किया जाता है।

मानसिक तैयारी

IVF प्रक्रिया मानसिक रूप से कठिन हो सकती है। ऐसे में मन की तैयारी विशेष होती है। IVF में सफलता की संभावना को बढ़ाने के लिए शांत और तनावमुक्त रहना आवश्यक है।

जीवनशैली में बदलाव

IVF प्रक्रिया के दौरान और उसके बाद एक सक्रिय संतुलित जीवनशैली अपनाना आवश्यक है। खाने में  पौष्टिक संतुलित आहार, नियमित रूप से व्यायाम किया जाना चाहिए और मानसिक तनाव से दूर करना चाहिए।

IVF प्रक्रिया का पूरा विवरण (Process of IVF in Hindi)

ओव्यूलेशन इंडक्शन

महिला को अंडाणु बनाने के लिए हार्मोनल दवाइयाँ इंजेक्शन दिए जाते है यह प्रक्रिया 10-14 दिन तक चल सकती है। डॉक्टर महिला के अंडाणुओं की वृद्धि की निगरानी सोनोग्राफी से करते है।

अंडाणु की निकासी

जब अंडाणु सही स्थिति में पहुँच जाते हैं तो वो हल्की बेहोशी में सोनोग्राफी से देखते हुए सुई की मदद से अंडाणु निकल कर लैब में चेक किया जाता है|

शुक्राणु का चयन और उपचार

पुरुष से शुक्राणु लेना और उसका चुनाव करने का काम लैब में किया जाता है। शुक्राणु की संख्या अधिक कम होने पर अण्डाणु में एक शुक्राणु डालने के लिए ICSI (Intracytoplasmic Sperm Injection) विधि का चुनाव किया जाता है।

भ्रूण का निर्माण

अंडाणु व शुक्राणु के संयोग के बाद 3-5 दिन में भ्रूण का निर्माण होता है। इन बने हुए भ्रूण को फिर बच्चेदानी में प्रत्यारोपित किया जाता है व बच्चेदानी में भ्रूण का आगे का विकास पूरा होता है।

भ्रूण का प्रत्यारोपण

यह एक सरल प्रक्रिया होती है जिसमें भ्रूण को एक पतली ट्यूब से गर्भाशय में स्थानान्तरित किया जाता है। इसमें तक़रीबन 10-15 मिनट लगते हैं और इसे दर्द रहित माना जाता है।

IVF के बाद की देखभाल (Care After IVF in Hindi)

देखभाल टिप्स

IVF करने के बाद सम्बंधित महिला को आराम करना होगा। अत्यधिक श्रम शारीरिक गतिविधियों नही करना चाहिए। शारीरिक श्रम की दृष्टि से आरामदायक भोजन, भरपूर पानी एवं फल लेना ज़रूरी होता है।

डॉक्टर से नियमित संपर्क

IVF करने के कुछ समय बाद डॉक्टर से नियमित संपर्क एवं चेकअप जरुरी होता है जिससे की आप गर्भधारण के लक्षण उसके बारे में पूर्ण जानकारी ले सके कोई भी तकलीफ होने पर समय पर इलाज ले सके

मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान

इस समय मानसिक स्थिति का ख्याल रखना बहुत जरूरी है। किसी भी प्रकार का तनाव या चिंता गर्भावस्था की संभावना को प्रभावित कर सकती है।

IVF प्रक्रिया के लाभ और जोखिम (Advantage & Disadvantage of IVF in Hindi)

IVF के लाभ (Advantage of IVF in Hindi)

IVF के मदद से संतान सुख आसानी से प्राप्त किया जा सकता है। यह उन जोड़ों के लिए एक वरदान है जो स्वाभाविक तरीके से गर्भवती नहीं हो पा रही थी।

IVF के जोखिम (Disadvantage of IVF in Hindi)

IVF की प्रक्रिया महँगी होने के कारण इसमें कुछ जोखिम भी होते हैं। जैसे बहु भ्रूण गर्भावस्था (twins या triplets गर्भपात एवं ओवेरियन हाइपरस्टिमुलेशन सिंड्रोम (OHSS)|

सही जानकारी के साथ निर्णय लेना

सभी भ्रांतियों को नजरअंदाज करते हुए, IVF के लाभहानि की सूक्ष्म जानकारियों के साथ इस प्रक्रिया को लेकर सही फैसला करना चाहिए।

निष्कर्ष

IVF उन दंपतियों के लिए बहुत उपयोगी है जो बच्चे चाहते हैं। यह एक विशेष तरह की चिकित्सा प्रक्रिया है। इस प्रक्रिया में, व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक धैर्य रखने की आवश्यकता होती है। किन्तु, इसे यदि सही विधि से किया जाए, तो इसके परिणाम सकारात्मक हो सकते हैं।

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