मॉड्यूलर क्लोज्ड वर्किंग लैब क्लास 10000:

हमारे संस्थान की क्लोज्ड मॉड्यूलर वर्किंग लैब अंतर्राष्ट्रीय व यूरोपियन मानकों के अनुसार बनाई गई है। इस लैब में टेस्ट ट्यूब बेबी पद्धति द्वारा सफलता की दर अन्य लैब की तुलना में काफी अधिक रहती है इसमें तैयार किये गए भ्रूण को वही वातावरण उपलब्ध होता है जो कि पूर्णतया उसके विकास के लिए अनुकूल होता है।
सामान्यतः निसंतान दंपत्ति को टेस्ट ट्यूब बेबी प्रक्रिया को 3 – 4 बार करने की आवश्यकता पड़ सकती है क्लोज्ड मॉड्यूलर वर्किंग लैब की मदद से प्रथम चक्र में ही गर्भधारण करने की प्रबल संभावना रहती है। हमारे संस्थान की सफलता दर अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों के समान है। जिसके फलस्वरूप यहां पर UK, USA, ऑस्ट्रेलिया, कुवैत, थाईलैंड, दुबई, नेपाल व अन्य देशों से कई नि:संतान दंपत्ति इलाज द्वारा लाभान्वित हो चुके हैं।

टाईम लैप्स एम्ब्रियो मॉनिटरिंग सिस्टम द्वारा निसंतानता विशेषज्ञ को भ्रूण के विकास की जानकारी सिस्टम में लगे माईक्रो कैमरों द्वारा हो जाती है । इस तकनीक से मशीन में लगे कैमरों द्वारा भ्रूण पर 24 घंटे निगरानी रखी जाती और स्वस्थ सर्वोत्तम भ्रूण का चयन कर गर्भाशय में स्थापित किया जाता है । नि:संतान दम्पति जो पहले भी असफल रह चुके हैं, वह एम्ब्रियो मॉनिटरिंग सिस्टम व अनुभवी डॉक्टर्स की टीम द्वारा कम खर्च में संतान सुख प्राप्त कर सकते हैं ।

इसमें एम्ब्रियोलॉजिस्ट द्वारा भ्रूण पर 24 घंटे निगरानी की जाती है।

इस तकनीक में माइक्रो कैमरे द्वारा हर भ्रूण का 20 मिनट के अन्तराल में फोटो लिया जाता है जिसके भ्रूण के विकास की सही जानकारी प्राप्त हो जाती है ।

अधिक एम्ब्रियो बनने पर उनमे से सर्वोत्तम भ्रूण का चयन कर उसे गर्भाशय में प्रतिस्थापित किया जाता है।

सामान्य आँखों से देखने पर भ्रूण की शारीरिक संरचना उसकी वृद्धि का पता नहीं चल पाता जो कि एम्ब्रियो मॉनिटरिंग सिस्टम द्वारा संभव है ।

इसमें भ्रूण को वही वातावरण उपलब्ध होता है जो उसके विकास के लिए अनुकूल है ।

विशेष रूप से IVF के लिए इनक्यूबेटरों की सटीकता और विश्वसनीयता अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि भ्रूण विकास के दौरान वातावरण, तापमान या आर्द्रता में मामूली परिवर्तन भी विकास को प्रभावित कर सकता है।

MINC इन्क्यूबेटरर्स

ये बेंच टॉप इनक्यूबेटर हैं जो तापमान और गैस के प्रवाह को सटीक बनाए रखते हैं। प्रत्येक रोगी के भ्रूण के विकास के लिए एक निजी चैंबर होता हैं। एक रोगी के लिए इनक्यूबेटर को खोलने और बंद करने से अन्य रोगियों के भ्रूण विकास बाधित नहीं होते। यह माइक्रोप्रोसेसर से नियंत्रित, गैस युक्त, और आर्द्रता युक्त इनक्यूबेटर है। चैंबर में भ्रूण विकास के लिए एक स्थिर थर्मल वातावरण प्रदान करता हैं।

हेरा सेल 150

थर्मो साइंटिफिक हेरासेल CO2 इन्क्यूबेटर सिद्ध और विश्वसनीय सुविधा के साथ संदूषण नियंत्रण और समान विकास की स्थिति में हमारी तकनीकी प्रगतियों का संयोजन करते हुए भ्रूण विकास के लिए एक समग्र दृष्टिकोण प्रदान करता हैं, जिससे हम अपने लक्ष्यों को तेजी से, अधिक भरोसेमंद रूप से और कम प्रयास के साथ प्राप्त किया जा सके ।

मेमर्ट (MEMMERT)

मेमर्ट CO2 इन्क्यूबेटर की नियंत्रण प्रणाली इतनी अच्छी तरह से बनाई गई है कि उपकरण सेटपॉइंट तापमान पर बहुत जल्दी बिना तापमान ओवरशूट के पहुंच जाता है, जो कि भ्रूण विकास के लिए सबसे अच्छा वातावरण है।

के सिस्टम

यह एक क्लिनिक के लिए आदर्श इन्क्यूबेशन विधि है।

मानव भ्रूण के लिए अनुकूलतम वातावरण को बनाए रखना। और नियंत्रण कर दिन के काम को प्रभावी, सुरक्षित और आरामदायक बनाता हैं। इसमें प्रत्येक मरीजों के लिए अलग-अलग चैंबर हैं। जिससे अबाधित भ्रूण का विकास लगातर किया जा सके।

आरआई इंटीग्रा 3 ईक्सी मशीन

यह उपचार के अलग अलग चरण के लिये एक तापमान समायोजित कर सकने वाला माइक्रोस्कोप है। इसमें अंडे को पकड़ने के लिए एक सक्शन सिरिंज और अंडे में शुक्राणु को इंजेक्ट करने के लिए एक इंजेक्शन सिरिंज है। यह मशीन ज्यादातर ICSI करने में भ्रूण विशेषज्ञ के काम आती है। वही भ्रूण के चारों ओर वाली परत यदि घनी हो तो LASER द्वारा इसी मशीन की सहायता से LAH भी किया जा सकता है।

इम्सी

यह एक माइक्रोस्कोप का उपयोग करके किया जाता है जो ईक्सी प्रक्रिया के लिए सामान्य रूप से प्रजनन प्रयोगशालाओं (400 बार) में उपयोग की जाने वाली आवर्धक शक्ति के मुकाबले बहुत अधिक आवर्धक शक्ति (लगभग 7000 गुना) प्रदान करता है।.

इस माइक्रोस्कोप के द्वारा, भ्रूण विशेषज्ञ शुक्राणु की आंतरिक संरचना को देख सकते हैं और उनका निशेचन में उपयोग कर सकते हैं। माना जाता है कि संरचनात्मक परिवर्तनों के बिना शुक्राणु का चयन करने की वजह से उत्पन्न होने वाले भ्रूण के सफल आरोपण की संभावना बढ़ जाती है और गर्भपात की संभावना कम हो जाती है।

कोशिका की झिल्ली के अंदर आतंरिक संरचना को देख कर चयन किये गए शुक्राणु के इंजेक्शन से इन- विट्रो निषेचन की संभावना में सुधार होता है और इन- विट्रो निषेचन (IVF) में इसका उपयोग किया जा सकता है यदि बिना सफलता प्राप्त किये इसकी कोशिश की गई है।

वीओसी मीटर

बेहतर मूल्यांकन के लिए दैनिक दिनचर्या में वीओसी (वाष्पशील कार्बनिक पदार्थ) की ऊसेफ़ वीओसी मीटर द्वारा निगरानी।

ज़ेनडेयर

कार्य क्षेत्र वायु प्रदूषकों, धूल कणों, वाष्पशील कार्बनिक यौगिकों (वीओसी), रासायनिक रूप से सक्रिय यौगिकों (सीएसी), वायरस, बैक्टीरिया इत्यादि से मुक्त होना चाहिए। जेनडेयर वायु शोधन प्रणाली में सक्रिय कार्बन फिल्टर, फोटोकैटालैटिक ऑक्सीकरण कक्ष, यूवी लैंप, उच्च दक्षता वाले फिल्टर जो 0.3um तक कणों को हटा देता है। यह प्रदूषकों को आकर्षित कर सकता है और उन्हें सौम्य यौगिकों में परिवर्तित कर सकता है। जेनडेयर की मदद से वर्किंग स्टेशन या पूरी लैब के भीतर की हवा कणों से साफ और शुद्ध होती है।

ऊसाइट स्पिंडल व्यू

स्पिंडल और ज़ोना के अस्थिर ऊसाइट को देखने के लिए एचटी (हैमिल्टन थॉर्न) ऊसाइट इमेजिंग सिस्टम।

एलएएच

लेज़र असिस्टेड हैचिंग उन भ्रूणों के लिए उपयोगी है जिनकी बाहरी परत (Zona Pellucida) मोटी या सख्त होती है जिसके द्वारा पहले ही प्रयास में गर्भधारण करने की संभावना बढ़ सकती है ।