IVF (In Vitro Fertilization) एक प्रजनन प्रक्रिया है जिसमें शुक्राणु और अंडाणु को पेट्री डिश में आईवीएफ प्रयोगशाला में मिलाया जाता है और फिर भ्रूण का विकास गर्भाशय जैसे वातावरण में करवाया जाता है, और फिर विकसित भ्रूण को गर्भ में रखा जाता है। IVF के लिए कई तकनीकें हैं, निम्नलिखित में से कुछ उचित हैं:
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Toggleस्टेप-बाय-स्टेप IVF (Conventional IVF):
- इसमें महिला को अंडाणु बनाने के लिए दवाइया व इंजेक्शन दिया जाता है।
- शुक्राणु पुरुष से प्राप्त किए जाते हैं ।
- फिर अंडाणु और शुक्राणु को पेट्री डिश में मिलाया जाता है ।
- जब जब भ्रूण बन जाता है, तो उसे गर्भाशय में प्लेस किया जाता है ।
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आई.सी.एस.आई (Intracytoplasmic Sperm Injection, ICSI):
- इस तकनीक में, एक एकल स्वस्थ शुक्राणु को चुना जाता है और उसे अंडाणु में इंजेक्ट किया जाता है.
- यह तकनीक शुक्राणु में कमी या कम कुशलता वाले शुक्राणु के मामले में अधिक उपयोगी है.
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आई.यु.आई (Intrauterine Insemination, IUI):
- यह तकनीक शुक्राणु को महिला के गर्भाशय में इंजेक्ट करने के लिए उपयोगी होती है.
- इसमें अंडाणु बनाने की दवा दी जाती है व अंडाणु बन जाने पर शुक्राणु को गर्भाशय में इंजेक्ट किया जाता है।
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सरोगेसी (Surrogacy):
- यह एक विशेष प्रकार की IVF होती है जिसमें महिला के गर्भाशय में भ्रूण नहीं रखा जा सकता है, उसमे एक दूसरी महिला, जिसे सरोगेट माँ कहा जाता है, गर्भधारण करती है और फिर बच्चा पैदा करती है|
IVF तकनीकें आवश्यक रूप से डॉक्टर के सुझाव और रोगी की विशेष स्थिति पर निर्भर करती हैं। यह महत्वपूर्ण है कि आप अपने डॉक्टर से सलाह लें और उनके मार्गदर्शन के अनुसार काम करें।अगर आपका कोई भी प्रश्न है तो आप राजस्थान के बेस्ट आईवीएफ क्लिनिक मे संपर्क कर सकते हो |
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