आज की भागदौड भरी ज़िन्दगी में काम और अन्य प्राथमिकताओं के चलते महिलाएं मां बनने के लिए औसत उम्र 30 साल से 32 साल तक का औसत लेती हैं। इस तरह एग फ्रिजिंग (Egg Freezing) तकनीक महिला प्रजनन क्षमता (Fertility) बनाए रखने के लिए विकल्प के तौर पर उभरी है।
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Toggleएग फ्रिजिंग Egg Freezing Kya Hota Hai
एग फ्रिजिंग तकनीक में ओसाइट क्रायोप्रिज़र्वेशन (Oocyte Cryopreservation) शीर्षक की प्रक्रिया के अंतर्गत महिलाओं के अंडाणुओं को जमाने की बहुस्तरीय विधि तक किया जाता है ताकि वह बाद में किसी खास मौके पर इस्तेमाल या प्रयोग में लाए जा सकें। इस विधि का लाभ सभी उन महिलाओं को है, जो किसी भी कारणवश अभी संतान सुख नहीं ले सकते हैं किंतु भविष्य में माता का सुख लेना चाहते हैं।
एग फ्रीजिंग प्रोसेस Egg Freezing process in Hindi (Step by Step)
उपचार कराने वाली महिला को इस प्रक्रिया में पारंपरिक दवाईयां दी जाती हैं जो Ovary के अन्दर अंडाणु बनाने की प्रक्रिया को बढ़ाती है |
डॉक्टर अंडाशय से अंडाणु को निकालकर एक विशेष फ्रीजिंग तकनीक द्वारा अंडाणुओं को -196 डिग्री सेल्सियस रखता लिक्विड नाइट्रोजन में स्टोर किया किया जाता है।
एग फ्रिजिंग के फायदे (Benefits of Egg Freezing in Hindi)
मातृत्व को प्लान करने की सहूलियत – करियर और पर्सनल लाइफ को बैलेंस कर सकती है
प्रजनन क्षमता सुरक्षित रहें – जैसे जैसे उम्र बढ़ती है वैसे वैसे एग की क्वालिटी कम होती है लेकिन एग फ्रीजिंग से समस्या नहीं होती है
मेडिकल कंडीशन्स में फायदेमंद – महिलाएँ कैंसर जैसी बीमारियों का इलाज कराते समय अंडाणु संरक्षित कर सकती हैं।
आधुनिकीकरण माध्यमों से सफलता दर को सामने लाए जाने पर गर्भ धारण करने की चांस अधिक बढ़ सकती है।
एग फ्रिजिंग के संकट और सीमाएं
- गर्भधारण करने की फ्रीज़ किए गए अंडाणुओं से गर्भधारण की बेहद संभावना है, लेकिन सौ फीसदी गारंटी इसमें निश्चित नही।
- हार्मोनल दवाएँ महिलाओं के लिए सिरदर्द, मिज़ाज में बदलाव और हल्की असहजता हो सकती है।
एग फ्रिजिंग एवं एम्ब्रियो फ्रिजिंग में अंतर (Difference in Egg Freezing & Embryo Freezing in Hindi)
एग फ्रिजिंग में केवल अंडाणुओं को संरक्षित किया जाता है।
एम्ब्रियो फ्रिजिंग में, अंडाणुओं को शुक्राणु (Sperm) के साथ निषेचित करके भ्रूण (Embryo) बनाया जाता है, जिन्हें बाद में संरक्षित किया जाता है।
निष्कर्ष
एग फ्रिजिंग एक महिला को माँ बनने की संभावना को आसानी से बनाए रखने का विकल्प पेश करती है। यह उनके लिए तो वरदान साबित हो सकता है जो किसी कारणवश आज तो माँ नहीं बनना चाहती पर भविष्य में संतान अवश्य चाहती हैं।